इस जगतीकरण के युग में हमारी जीवनशैली बदल रही है | व्यस्त जीवन से थोडा आराम महसूस करने के लिए आज पर्यटन किया जा रहा है | पहले सिर्फ देश भर के पर्यटन को ही महत्व था , पर आज के युगमे विदेशी पर्यटन को भी गति मिल रही है | हमारे केंद्र तथा राज्य शासन ने इस व्यवसाय को और गति देने के प्रति आशावादी कदम उठाए है |

हम आज देखते है कि पर्यटन कि विभिन्न शाखाये निर्माण होगई है , जैसे इको टूरिज़म, बिजनेस टूरिज़म ,एडव्हेंचर टूरिजम, लाइफस्टाइल टूरिज़म आदि | जैसे जैसे यह व्यवसाय उभरता गया वैसेही इसकी शाखाएँ भी विस्तारिति गई और इस उद्योग का विकास होने लगा | इसका फायदा देश के अर्थकरण के लिए भी उपयुक्त साबित होरहा है | हमारा यह भारत देश जग के सैलानियोंको आकर्षित कर रहा है| हमेभी '' अतिथि देवो भव'' कहना चाहिए |

भारत खुबसूरत तो है ही पर उसे देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा सैलानी आयें इसके लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रोंमे खुबसूरत और नाविन्यपूर्ण बदलाव करें | हमारी सेवा ऊँचें दर्जेंकिहो इस पर ध्यान दें | इसके अलावा हमारी वृत्ति विनयशील हो ये जिम्मेवारी हमारे ऊपर है | भारत में विभिन्न भाषाएँ बोली जाती है ,वैसेही अन्य देशोंकी भाषा का ज्ञान रखना चहिये | हमारे भारत देश में आने वाले सैलानियोंको सुरक्षा महसूस हो इसके प्रति जागरूक रहें | पर्यटन व्यवसाय का प्रशिक्षण देने कि संस्था हर राज्य में है इसका लाभ उठाएं | उसमे मिलनेवाला अनुभव जरुर इस क्षेत्र में दिलचस्पी रखानेवालोंको फायदेमंद साबित होगा | महाराष्ट्र में कोंकण का परिसर आज पर्यटन क्षेत्र कों आकर्षित कर रहा है | वहांकी नैसर्गिक प्रकृति संपदा दुनिया भरके सैलानियांको भी आकर्षित करेंगी | आज ऍग्रो ट्युरिजम देने का प्रयत्न हो रहा है | वैस ही वैद्यकिय टूरिजम,विलेज टूरिजम ,हेरिटेज टूरिजम , फेस्टीव्हल टूरिजम इन सभी का टूरिजम अर्थात पर्यटन के क्षेत्र के लिया विकास हो रहा है |

हमारे त्यौहार ,खान संस्कृति , कला इनका भी योग्यता पूर्वक इस्तमाल करके इस क्षेत्र का आकर्षण बढाया जासकता है |


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