हमारे देश में वेलेंटाइन दिवस मनानेका रिवाज कितना पुराना है ये कहना मुश्किल होगा | प्रेमी--युगुलोंको वेलेंटाइन के दिन कि प्रतीक्षा रहती है | इस दिन को मनाने के रीति _रिवाज मजेदार होते है | इस दिन गुलाब के फूलोंकी बड़ी माँग होती है | कोई एक गुलाबका फुल अपने प्रेमिका को देता है तो कोई गुलाब के फुलोंका गुलदस्ता देनेमें धन्यता मानता है | गुलाबोंमें भी रंगोंके प्रकार होते है | लाल गुलाब का मतलब होताहै प्यार का इजहार , गुलाबी रंग के गुलाब प्यारभरी दोस्ती कि ओर इशारा करते है | पीले रंगोवाले गुलाब सिर्फ दोस्ती का हाथ बढ़ाते है |

स्कुलोंतक तो वेलेंटाइन दिन का असर नही दीखता , पर कोलेजोंमें तो बड़ी धूमधाम दिखाई देती है | हर लड़की बाहरसे तो शांत दिखाई देती है पर अंदरही अंदर शरमाइसी , थोड़ी घबराइसी रहती है | मानो आज उसकी परीक्षा है ,न जाने किसकी तरफसे कितने गुलाब मिलेंगे और उसे क्या जवाब देना पड़ेगा | मनचाहे साथीदार कि तलाश हर किसी को रहती ही है ना |

कहते है कि रोम के शासक क्लोड़ीयस द्वितीय ने अपने शासन कारकीर्द में अपने सिपाहियों पर अपने प्रेमिकओंसे मिलने और शादी करने पर पाबंदी लगाई थी| तब वेलेंटाइन ने इन प्रेमी युगुलोंको मिलाया और उनकी छुपकर शादियाँ करवाई | इस बात से नाराज क्लोडियस ने वेलेंटाइन को मृतुदंड देनेका फैसला किया | वह दीन था १४ फरवरी २६९ ई | तब से इस दिन को विश्वभर में प्य्रार का प्रतिक मानकर मनाया जाता है | ये दिन हमे संत वेलेंटाइन कि याद दिलाता है |  

आजकल वेलेंटाइन दिन मनाने के तरीको में काफी बदलाव आया है | खुबसूरत तोफोंसे हर दुकान ,हर बाजार ,हर गली सजी हुई दिखाई देती है | अलग अलग किस्म के तोंफें देने कि होड़ लगाती है | कोई गुलाब देना पसंद करता है तो कोई लव बर्ड्स देता है , हृदय याने दिल तो हर कोई उपहार स्वरुप देना पसंद करता है| हर चीज दिल के आकर कि | लाल रंग का दिल बड़ा लुभावना लगता है |

इसमें और एक चीज का समावेश होता है | ग्रीटिंग कार्ड | बड़ी खूबसूरती से सजाई गई ये कार्ड्स और उसपर लिखी गई मेसेज अपनी अलग छाप छोड़ जाती है | उसपर ताज सजता है चोकलेट का , वह भी आजकल अलग अलग आकरोंमें मिलती है | सबसे पसंदीदा आकर दिल का होता है |

                 ''यों तो हर दिल किसी दिल पै फ़िदा होता है |

       प्यार करने का मगर तौर जुदा होता है ||''


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