जैसे जैसे दुनियां आगे बड़ रही हैं । हम विनाश की ओर की ओर बड़ रहे हैं । ग्लोबल वार्मिंग इतनी विगड़ गई है कि अब प्राकृतिक आपदाओ से निपटना मुस्किल हो गया है । कहीं बाढ़ के हालात हैं कहीं सूखे का । दिनों दिन धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है । आने वाले कुछ सालों में हिमखंड इस हद तक पिघल सकते हैं कि सबकुछ पानी में डूब जाने का खतरा है । दुनिया भर के विज्ञानिक इस खतरे से निपटने के उपायों में जुटे हुए हैं । यह हमारा भी कर्तब्य है कि हम अपने स्तर पर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करें ।

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