भूमिका

किताबें, कपड़े, घूमने फिरने और पढ़ाई से संबंधित किशोरों के हर जरुरी खर्च को माता पिता उठाते ही हैं, इसके अलावा किशोरों को मिलती है मोटी पॉकेटमनी, जिसे वे मौजमस्ती और खानेपीने में बिना सोचे समझे खर्च कर देते हैं, बर्गर, चाउमीन,चिप्स, कोल्ड ड्रिंक और पिज़्ज़ा जैसी चीजों पर पॉकेटमनी खर्च करना न तो सेहत के लिए सही है और न ही आर्थिक लिहाज़ से सही है। आजकल के किशोर पहले के मुकाबले कही ज्यादा समझदार और स्मार्ट हैं, इसलिए अगर वे बचत करना सीख लें तो न केवल उनमें पैसे को खर्च करने की सही समझ आएगी बल्कि पॉकेटमनी या और स्त्रोतों से बचाए पैसे का सही इस्तेमाल उनकी पूरी लाइफ को आसान भी बना देगा।

 क्या है स्मार्ट सेविंग

किशोरों को पॉकेटमनी हर दिन, हफ्ते और महीने के हिसाब से मिलती है, पॉकेटमनी में से महीने के आखिर तक 50-100 रुपए बचाना ही स्मार्ट सेविंग की निशानी नहीं है बल्कि पॉकेटमनी को समझदारी से खर्च करना भी स्मार्ट सेविंग कहलाता है, पहले यह जान लें की सेविंग का यह मतलब नहीं होता की उन पैसों को घर के खर्चो के लिए इस्तेमाल किया जाए, सेविंग के जरिए बचाया गया पैसा किशोरों की खुद की पूंजी है, जो उनमें आत्मविश्वास पैदा करती है, इसके अलावा किशोर भले ही खुद न कमाते हो लेकिन माता पिता द्वारा रातदिन मेहनत कर कमाए पैसे की कद्र करना सीखते हैं, सेविंग का मतलब ये भी नहीं की आप जरुरी खर्चे ही न करें बल्कि आपको अपने खर्चे और जरूरतों के बीच समन्वय बैठाना है, ताकि आप भविष्य में आने वाली मुश्किलों का सामना आसानी से कर सकें। सेविंग पर आत्मनिर्भर बनें, साथ ही अपनी जिम्मेदारी समझें। पैसों से जुड़े मसलों को अपनेआप हैंडल करने से किशोरों में निर्णय लेने की क्षमता आती है और वे नियंत्रण में रहते हैं। यह शुरूआती पाठ उनको पूरी लाइफ याद रहता है और बचत करना धीरे धीरे उनकी आदत में शुमार हो जाता है।

पहले सेविंग बाद में खर्च 

किशोरों को पॉकेटमनी मिलता बाद में है और वे खर्चो की सूची पहले बना लेते हैं, इसलिए उनको चाहिए की उन्हें जब भी पॉकेटमनी या किसी भी रूप में पैसे मिलें, वे सबसे पहले सेव करने के बारे में सोचें इसके लिए वे पारदर्शी गुल्लक का प्रयोग करें क्योंकि जैसे जैसे उन्हें गुल्लक पैसों से भरता दिखाई देगा उन्हें अपनी सेविंग पर गर्व होगा, कोशिश करें कि सेविंग करते समय शुरू में सिक्को को सेव करें क्योंकि खर्च करते समय रुपयों का इस्तेमाल सिक्कों के मुकाबले ज्यादा रहता है।

सेल करे अवाइड

 अगर आप मार्केट जा रहे है तो सेल से खरीदारी करने से बचें, क्योकिं ऐसे में जहां आप गए तो केवल 1 या 2 चीज़ें खरीदने थे लेकिन लालचवश आप 4 -5 चीज़ें ख़रीदे बिना बाहर नहीं आते, नतीजा बिना वजह ही आप लुभावने ऑफर में फंसकर अपना नुकसान और दुकानदार का भला कर आते हैं।

 बजट, मनोरंजन के लिए

स्मार्ट सेविंग करने के लिए जाहिर है कि आप एकदम से तो खर्चों में सारी कटौती नहीं कर सकते क्योंकि कभी कभी दोस्तों के साथ मनोरंजन और मौजमस्ती में खर्च करना भी जरुरी है, इसलिए किशोरों को चाहिए की बजट बनाते समय ऐसे खर्चो की भी गुंजाइश की जगह रखें और कोशिश करें की उस महीने में हुए खर्च की भरपाई वे आने वाले महीने में से करें जिन पर बिना खर्च किए भी आपका काम चल सकता हो।

  सूची बनाकर शौपिंग करें 

  स्मार्ट सेविंग करने के लिए सामान की सूची बनाकर शौपिंग करने जाएं, इससे आपको खर्च का भी अंदाज़ा रहता है कि जो सामान आपको चाहिए वह कितने में आएगा और जरुरी सामान के अलावा फालतू की चीज़ें खरीदने से भी बचा जा सकेगा।


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